भगवान शंकर की आराधना के लिए भोलेनाथ के भक्तों ने आज महाशिवरात्रि का व्रत रखा है। आज महाशिवरात्रि पर शिवालयों में जलाभिषेक किया जाएगा, आज सुबह से ही शिवालयों में श्रद्धापूर्वक शिव पूजन किया जा रहा है, भारी संख्या में शिव भक्त मां गंगा का जल लेकर शिव की आराधना के लिए मंदिरों में पहुंच रहे हैं।।
श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी यानी आज 15 जुलाई को रात 8:32 मिनट से भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए शुभ मुहूर्त शुरू होगा, जो 16 जुलाई को रात्र 10 :10 मिनट तक रहेगा। मान्यता है कि शिवरात्रि में शिव की पूजा निशिता काल मुहूर्त में की जाती है। खास बात ये है कि शिव आराधना के लिए इस साल सावन में दो मासिक शिवरात्रि का संयोग बन रहा है। इसलिए इस साल सावन का महीना बहुत ही महत्वपूर्ण रहने वाला है। इस माह में भगवान शिव की पूजा के लिए सोमवार का दिन और सावन शिवरात्रि का दिन बहुत खास माना जाता है।
4 जुलाई से शुरू हुई इस बार कावड़ यात्रा में भी मां गंगा का जल लेने हरिद्वार भारी संख्या में शिवभक्त पहुंचे हैं।। जानकारी के मुताबिक अब तक तकरीबन साढ़े तीन करोड़ के करीब शिवभक्त हरिद्वार मां गंगा का जल लेने पहुंच चुके हैं,, जो जल लेकर अलग-अलग शिव मंदिरों में आज रात तक पहुंच जाएंगे। 4 जुलाई से ही हरिद्वार बम बम भोले की गूंज से गूंजा रहा है, वही सरकार ने भी शिव भक्तों के लिए बेहतर व्यवस्था की थी ताकि दूर-दूर से आने वाले शिव भक्तों को किसी भी तरह की दिक्कत ना हो।।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि भगवान शंकर मां पार्वती के साथ विवाह बंधन में बने थे तभी से महाशिवरात्रि मनाने का प्रचलन चला रहा है भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए शिवभक्त मां गंगा के जल से उनका जलाभिषेक करते हैं इस दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए फल, फूल, चंदन, बिल्व पत्र, धतूरा, धूप और दीप से शिवजी की पूजा करते है। दूध, दही, घी, शहद और शक्कर एक साथ मिलाकर पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराकर जल से अभिषेक किया जाता है।।मान्यता यह भी है कि इस दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उनके आठ नामों भव, शर्व, रुद्र, पशुपति, उग्र, महान, भीम और ईशान को मन में जप का फल – फूल अर्पित कर शिव जी की आरती और परिक्रमा करने से शिव भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं….
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