रात के समय दूधिया रोशनी में देखते ही बन रही श्री दरबार साहिब की आभा
देहरादून-
दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज में सोमवार को बड़ी भारी संख्या में संगतें एवम् श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचे। उन्होंने श्री दरबार साहिब एवम् श्री झण्डे जी पर माथा टेका और मनौतियां मांगी। दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज के सज्जादे गद्दी नशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने भी संगतों को दर्शन दिए एवम् आशीर्वाद दिया।


श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने संगतों को श्री झण्डे जी के एतिहासिक एवम् धार्मिक महत्व से प्रकाशवान किया। उन्होंने कहा कि परमात्मा को प्रसन्न करने के लिए भाव होना आवश्यक है। यदि हमारे मन में भाव लगन है तो परमात्मा के दर्शन अवश्य होंगे। सच्चा गुरु शिष्य को समर्थ करता है। उन्होंने कहा कि मानव जीवन अमूल्य है, इसे व्यर्थ में नष्ट न करें। श्री गुरु महाराज जी की भक्ति में लीन होकर इस जीवन को सफल बनाएं। संगतों की आस्था एवम् श्रद्धाभाव ही श्री झण्डा जी मेले की चढ़दी कलां है। मंगलवार को नई संगतों को नामदान एवम् गुरुमंत्र दिया जाएगा। परंपरा के अनुसार श्री झण्डे जी आरोहण से पूर्व एवम् बाद में गुरु मंत्र दिया जाता है।

श्री झण्डे जी मेले का यह है एतिहासिक महत्व
सिखांे के सातवें गुरु श्री गुरु हर राय जी के बड़े पुत्र श्री गुरु राम राय जी महाराज का जन्म सन् 1646 ई. मंे जिला होशियारपुर के कीरतपुर, पंजाब में हुआ था। श्री गुरु राम राय जी महाराज ने देहरादून को अपनी तपस्थली चुना व श्री दरबार साहिब में लोक कल्याण के लिए विशाल झण्डा लगाकर श्रद्धालुओं को ध्वज से आशीर्वाद लेने का संदेश दिया था। हर साल होली के पाॅचवें दिन चैत्रवदी पंचमी को श्री गुरु राम राय जी महाराज के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है व हर साल श्री झण्डे जी मेल का आयोजन किया जाता है। उल्लेखनीय है कि श्री गुरु राम राय जी महाराज के जन्मदिवस के अवसर पर हर साल दरबार श्री गुरु राम राय जी महाराज, देहरादून में श्री झण्डे जी मेले का आयोजन किया जाता है।