मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह से भेंट कर उत्तराखण्ड को कोयला आधारित संयंत्रों से 400-450 मे०वा० स्थायी आवंटन किए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की ऊर्जा सुरक्षा के दृष्टिगत बेस लोड सुरक्षित किये जाने और राज्य को व्यापक विद्युत कटौती से मुक्त रखे जाने के लिए उत्तराखण्ड राज्य को कोयला आधारित संयंत्रों से 400मेगागावाट स्थायी आवंटन किया जाना अत्यन्त आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने आपदा के कारण क्षतिग्रस्त हुई विद्युत लाइनों एवं टावरों को पुनर्स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार से सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि क्षतिग्रस्त लाइनों की क्षतिपूर्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी, उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त विद्युत टावरों का सर्वे कराकर इसकी रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाय, इसका परीक्षण कराकर प्रतिपूर्ति पर विचार किया जायेगा।मुख्यमंत्री ने बॉर्डर एरिया में विद्युत लाइनें एवं विद्युत संयंत्र शीघ्र स्थापित करने का अनुरोध किया। जिसके लिए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहाड़ी राज्यों के लिए मानक अलग से निर्धारित कर शीघ्र बॉर्डर एरिया में विद्युत लाइनें एवं विद्युत संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार को केंद्रीय पूल से अतिरिक्त विद्युत उपलब्ध कराने का अनुरोध किया।केंद्रीय मंत्री ने इस पर सहमति प्रदान की।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सोलर ऊर्जा, हाइड्रो पावर एवं कोयला से विद्युत उत्पादन के लिए दीर्घकालिक योजना पर कार्य किया जा रहा है।मुख्यमंत्री ने माह अप्रैल से सितम्बर 2023 तक औसतन 300 मे०वा विद्युत प्रतिमाह अनएलोकेटेड कोटा से उपलब्ध कराए जाने के लिए केंद्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में ऊर्जा की कुल उपलब्धता में 60 प्रतिशत से अधिक जल ऊर्जा संयंत्रों से है जिसमें मौसमी परिवर्तन के साथ उपलब्धता में व्यापक उतार-चढ़ाव होता है एवं शीत ऋतु में उत्पादन लगभग एक तिहाई रह जाता है।
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