देहरादून
चिकित्सा पेशा का मूल उद्देश्य जन सेवा होना चाहिये इसके अलावा एक बेहतर चिकित्सक बनने के लिये सकारात्मक सोच भी जरूरी है। ताकि अपने पेशे में आने के बाद चिकित्सक मरीजों की संवेदनाओं को समझ कर बेहतर उपचार दे सके। इसके लिये एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों को इन सभी बातों पर अमल करते हुये अपने आचरण में उतारना होगा ताकि भविष्य में एक सफल चिकित्सक बन सके।
यह बात प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने दून मेडिकल कॉलेज में आयोजित ‘चरक शपथ ग्रहण’ समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही। डॉ. रावत ने एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों को सम्बोधित करते हुये कहा कि एक सफल चिकित्सक बनने के लिये सकारात्मक सोच के साथ प्रशिक्षण लेना जरूरी है ताकि मरीजों की संवेदनाओं को समझते हुये उन्हें बेहतर उपचार दे सके।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा पेशे का मुख्य उद्देश्य मानव सेवा होना चाहिये तभी चरक शपथ का उद्देश्य पूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में समाज के साथ ही चिकित्सकों को भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद चिकित्सकों को समाज में विशेष दर्जा प्राप्त है। जिसको ध्यान में रखते हुये चिकित्सकों को भी मरीजों एवं उनके तीमारदारों से मधुर व्यवहार रखना जरूरी है।
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