उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में पिछले 14 दिनों से 41 मजदूर फंसे हुए हैं जिनके बाहर निकालने के इंतजार में देश भर के लोग इंतजार कर रहे हैं रेस्क्यू ऑपरेशन भी तेजी से चल रहा है लेकिन लोगों तक पहुंचा नहीं जा पा रहा ,आगर मशीन चलती है और मालवे में लोहे की रोड आ जाने की वजह से बंद हो जाती है जैसे ही आगर मशीन बंद होती है वैसे ही लोगों की धड़कन में भी बंद होने लगते हैं मन विचलित होने लगता है कि आगर मशीन चलेगी तो ही मजदूर बाहर आ पाएंगे,ये बात सही भी है कि यदि अमेरिका आगर मशीन कंटिन्यू कम करें तो मजदूरो को बाहर निकलने में 5 से 6 घंटे का वक्त ही लगेगा लेकिन मालवे के अंदर फसी लोहे की सरिया रोड और बड़े बॉर्डर की वजह से बार-बार आगर मशीन को चलने में दिक्कत आ रही है।
अंदर फंसे मजदूर मात्र 10 कदम की दूरी पर है लेकिन इन 10 कदमों को तय करने में कई घंटे बीत गए पाइप रेंग रेंग कर आगे बढ़ रहा है लेकिन जैसे ही उम्मीदें बढ़ती हैं वैसे ही उम्मीद के आगे लोहे की रोड आ जाती है जिस वजह से मजदूरों के पास तक पहुंचे की उम्मीद भी टूट जाती है ये 10 कदम की दूरी 10 किमी से भी ज्यादा लग रही है
© 2023 Ganga Khabar - Developed by TechnicalVela .
© 2023 Ganga Khabar - Developed by TechnicalVela .