देहरादून : मिर्जा ग़ालिब के यौमे पैदाइश पर आज “रवायत” में अपनी कविताओं का पाठ किया। हिंदी एवं उर्दू के कवि एक मंच पर इकट्ठा हुए जहां हिंदी और उर्दू का एक अनोखा संगम देखने को मिला। शायरों और कवियों ने पुरानी अतीत की यादों से लेकर प्रकृति और प्रेम के बीच के रिश्तों को कार्यक्रम में इस प्रकार उकेरा की सुनने वाले मंत्र मुग्ध हो कर रह गए। “रवायत” महफिल के नाम से आयोजित किए गए स्पिक हॉलिडे द्वारा “शाम ए सुख़न” नाम से कार्यक्रम को मुख्य तौर पर मिर्ज़ा ग़ालिब को समर्पित किया गया था जिसमें ना केवल उनके योगदान को याद किया गया बल्कि उनकी नज्में व शेर भी महफिल का खास हिस्सा बने, जिसमें शहर के तमाम शायरों और कवियों ने शिरकत किया।
कार्यक्रम की शुरुआत उत्तराखंड शासन के पूर्व मुख्य सचिव इंदू कुमार पांडेय ने अपनी काव्य रचनाओं के साथ की जिसमें हिंदी व उर्दू के शब्दों को इस खूबसूरती के साथ पिरोया गया की सुनने वाले मंत्र मुग्ध होकर काव्य रस में खो गए। तत्पश्चात देहरादून के मशहूर शायर शादाब अली ने अपनी शायरी और नज्मों से महफिल को बांध दिया। एडवोकेट अजय जुगरान ने अपनी कविताओं के माध्यम से रिश्तो की महत्वता को उजागर किया और उन पुरानी यादों को मंच से सचित्र जीवंत कर दिया जो एक हर परिवार का अटूट हिस्सा रहे हैं। वन विभाग से सेवानिवृत कवि नरेंद्र सिंह की कविताएं भी सराही गईं।
स्पिक हॉलिडे द्वारा “शाम ए सुख़न”कार्यक्रम में देहरादून के युवा कलाकार कवि और एक बेहतरीन एंकरिंग करने वाले आशीष जोशी ने खुद के द्वारा लिखी गई रामायण के छंदों को सअभिनय सुनाया तो पूरा महफिल का गलियारा ऊर्जा से भरा पड़ा। आशीष जोशी द्वारा रामायण को उर्दू शायरी में भी लिखा जा रहा है जो जल्द ही उपलब्ध होगा।
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार एवं कवित्री डॉक्टर जसकिरण चोपड़ा ने अपनी कविताएं पेश की जबकि मिर्ज़ा ग़ालिब की याद में गजल गायक हिमांशु दरमोड़ा ने दो गजले सुना कर महफिल में सब का दिल जीता। “रवायत” के आयोजन आशुतोष सकलानी ने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम आगे भी आयोजित किए जाते रहेंगे जिसमें देहरादून के कवियों एवं उभरते कलाकारों को मंच प्रदान किया जाएगा।
© 2023 Ganga Khabar - Developed by TechnicalVela .
© 2023 Ganga Khabar - Developed by TechnicalVela .